1. नये सांस्कृतिक कार्यभारों की ज़मीन — महत्त्वपूर्ण सामाजिक-आर्थिक संरचनागत परिवर्तनों और विश्व-ऐतिहासिक विपर्यय का यह दौर 2. कला-साहित्य-संस्कृति के मोर्चे पर विचारधारात्मक संघर्ष। 3. सांस्कृतिक मोर्चे पर व्यक्तिवाद, अराजकतावाद, उदारतावाद का विरोध करो! 4. ”वामपन्थी” कलावाद, रूपवाद और मध्यवर्गीय लम्पटता का विरोध करो! 5. कला-साहित्य के क्षेत्र में सामाजिक जनवादी प्रवृत्तियों का विरोध करो! 6. धार्मिक कट्टरपन्थी फ़ासीवाद के विरुद्ध सांस्कृतिक मोर्चे पर सही क्रान्तिकारी रणनीति अपनाओ! 7. दलित-प्रश्न पर सही रुख अपनाओ! 8. स्त्री-प्रश्न पर सही रुख अपनाओ! 9. कला-साहित्य-संस्कृति में ”लोकवाद” और ”स्वदेशीवाद” का विरोध करो! 10. न तो इतिहास-ग्रस्त, न ही इतिहास-विमुख! 11. सांस्कृतिक मोर्चे पर अन्तरराष्ट्रीयतावादी दृष्टिकोण का प्रश्न।
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